UP Board Exam 2024 : ग्रामीण केंद्रों पर सख्त होगी सुरक्षा व्यवस्था, परीक्षा में गड़बड़ी की कोशिश की तो होगी ये कार्रवाई

UP Board Exam 2024 : इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान हर परीक्षा केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से हर केंद्रों पर पुलिस की तैनाती की जाएगी।

सभी केंद्रों की निगरानी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम से की जाएगी। परीक्षा से दो दिन पहले प्रश्नपत्र और कॉपियां केंद्रों पर भेज दी जाएंगी। बोर्ड परीक्षा की तैयारी अंतिम दौर पर है।

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जहां से हर केंद्र की पल-पल की जानकारी लखनऊ और प्रयागराज भेजी जाएगी। 10 से 12 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों को इस बार केंद्र नहीं बनाया गया है. ग्राम केंद्रों पर विशेष नजर रखी जाएगी। जिले का कोई भी केंद्र संवेदनशील नहीं है।

इसके बाद भी ग्रामीण केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहेगी। अगर किसी ने अशांति फैलाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संवाददाता अंकुर त्रिपाठी ने जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह से बात की। प्रस्तुत हैं इसके अंश.

प्रश्न – यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं। विभाग ने क्या तैयारी की है?

उत्तर- यूपी बोर्ड परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर लिया गया है। इस सत्र में 59 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस बार पिछली बार से एक अधिक परीक्षा केंद्र बनाया गया है. परीक्षा केंद्रों का निर्धारण छात्रों की सुविधा के अनुसार किया गया है। कुछ केंद्रों पर बैठने की व्यवस्था सही नहीं थी

UP Board Exam 2024
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जिन्हें केंद्रों की सूची से हटा दिया गया है. इसके साथ ही कई केंद्रों की दूरी बोर्ड के मानक से अधिक थी। इसीलिए उन्हें केंद्र नहीं बनाया गया है. केंद्रों की व्यवस्था देखने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यदि कोई दिक्कत होगी तो उसे तुरंत ठीक कराया जाएगा।

प्रश्न – नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए पिछली बार की तुलना में इस बार क्या इंतजाम किए गए हैं?

उत्तर- बोर्ड नकल मुक्त परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बोर्ड से मिले निर्देश के अनुसार तैयारी कर ली गयी है. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से हर केंद्रों पर पुलिस की तैनाती की जायेगी. सभी केंद्रों की निगरानी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम से की जाएगी। परीक्षा से दो दिन पहले प्रश्नपत्र और कॉपियां केंद्रों पर भेज दी जाएंगी। प्रत्येक केंद्र की पल-पल की गतिविधियों पर लखनऊ और प्रयागराज से भी नजर रखी जाएगी। प्रश्नपत्र कोषागार में डबल लॉकर में रखे जायेंगे। यदि किसी भी केंद्र पर किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत पाई गई तो उसे हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा।

प्रश्न- चालू सत्र में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में कितने छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे? क्या पिछली बार की तुलना में छात्रों की संख्या बढ़ी है?

उत्तर – चालू सत्र में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में 42 हजार छह परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इस बार करीब 400 छात्र बढ़े हैं। पिछले तीन वर्षों से विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जल्द ही स्कूल संचालकों के साथ बैठक की जाएगी। उन्हें छात्रों को एडमिट कार्ड और परीक्षा संबंधी अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज समय पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाएगा।

सवाल – कई स्कूलों में अभी तक कोर्स पूरा नहीं हुआ है। परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही समय बचा है. कोर्स पूरा करने के लिए क्या योजना बनाई गई है?

उत्तर- अधिकांश सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों का कोर्स पूरा हो चुका है। उन्हें अभ्यास कराया जा रहा है. अगर किसी स्कूल में कोर्स पूरा नहीं हुआ है. वहां अतिरिक्त कक्षाएं संचालित कर 10 जनवरी तक कोर्स पूरा कराया जाएगा।

सवाल – प्रैक्टिकल और प्री-बोर्ड परीक्षाएं कब से शुरू हो रही हैं?

उत्तर – बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम में जिले में द्वितीय चरण में प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन किया गया है। प्रैक्टिकल परीक्षाएं 4 फरवरी से शुरू होंगी। इसके साथ ही प्री बोर्ड परीक्षाएं जनवरी के आखिरी सप्ताह में शुरू होंगी। परीक्षा के लिए स्कूलों में प्रश्नपत्र भी तैयार होने लगे हैं।

सवाल – जिले में कई स्कूलों के पास मान्यता नहीं है। वह दूसरे स्कूलों के छात्रों से परीक्षा फॉर्म भरवाता है। परीक्षा के समय स्कूल छात्रों को एडमिट कार्ड देने में आनाकानी करते हैं। ऐसे स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की योजना बनाई गई है?

जवाब: पिछले सत्र में ऐसा ही मामला सामने आया था. वह एक फर्जी स्कूल था. जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही स्कूल को सील कर दिया गया. इस बार ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए पहले ही एक टीम गठित कर दी गई है. छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें पूरी लगन से तैयारी करनी चाहिए. शिक्षा विभाग उनके साथ है.

प्रदेश में टॉप 10 में जिले के छात्र शामिल नहीं हो पा रहे हैं, इसका मुख्य कारण क्या है?

उत्तर: जिले में शिक्षा का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है. हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर की शैक्षिक गुणवत्ता को पहला स्थान दिया गया। पिछले सत्र में हाईस्कूल के विद्यार्थियों ने टॉप टेन में जगह बनाई थी। इस बार उम्मीद है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों के छात्र टॉप फाइव में जगह बनाने में सफल रहेंगे.

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